नौआखली के बाद संदेशखाली से हिंदुओं के लिए संदेश

गाँधी और मोदी के आँसू हिंदू महिलाओं के लिए कभी क्यों नहीं गिरे? और ये दोनों हिंदू महिलाओं की ही संताने हैं।

नरेंद्र मोदी एवं गाँधी में एक बात को लेकर समानता स्पष्ट दिखती हैं दोनों का हिंदू महिलाओं को लेकर रवैया बेहद असंवेदनशील रहा हैं,

गाँधी ने नोवाखली में जिहादियों द्वारा गैंग रेप (माफ कीजिएगा नॉन मुस्लीम महिलाओं पर किया गया इस्लामिक रिचूअल) पीडित हिंदू महिलाओं को मरने को कह दिया था और इस घटना के बाद भी उसी गाँधी को हिंदू अपने सर पर रख कर घूमते रहे।

वही मोदी कर रहे हैं वो हिंदू महिलाओं के सम्मान एवं सुरक्षा को ऐसे नजरंदाज करते हैं जैसे ये कोई समस्या ही ना हो, जैसे हिंदू महिलायें भारत की नागरिक ही ना हों। हिंदू समाज अब इस नेता को सर पर रख कर घूमता हैं।

इनके इस व्यवहार से ऐसा अंदेशा होता हैं कि बीजेपी की केंद्र सरकार हिंदू महिलाओ पर किए जा रहे इस्लामिक युद्ध अपराधों को शायद अपराध मानती ही नहीं ।
चाहे नूह हो, चाहे मणिपुर हो, चाहे अब पश्चिमी बंगाल का संदेशखाली, भारत के प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री के मुख से हिंदू महिलाओ पर हिंदू होने की वजह से हो रहे बलात्कार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं?

प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री हिंदू महिलाओं पर हो रहे इस अनाचार के मुद्दे पर उनके अपराधियों की सही पहचान के साथ नाम लेकर शायद ही कुछ कह पाएंगे, कुछ करना तो बहुत दूर की बात हैं।

ना कोई कार्यवाही ना कोई संदेश अगर शांतिदूतों की बहु-बेटियाँ होती तो मोदी जी का कलेजा फट जाता! और संयुक्त राष्ट्र में खलबली मच जाती लेकिन क्योंकि शिकार हिंदू महिलाएं हैं शिकारी जिहादी हैं तो किसी को कोई फरक नहीं पड़ता हैं।

हिंदू समाज अब ऐसे नेताओं को चुनना बंद करें। क्योंकि आपकी बर्बादी का असली कारण यही हैं, आप सभी को पता हैं जिहादी क्या चाहते हैं।
परंतु महाभारत से लेकर कलयुग तक! हिंदुओं का यही पैटर्न हैं जो अभी तक चल रहा हैं कि उन्हे दिखाई ही नहीं देता कि वो किस जाल मे फसते जा रहे हैं। ये अपने नेता पर दबाव ही नहीं बना सकते।
सुजाता सैनी

#WeSupportAnkurSharma #LokSabhaElections2024
#EkamSanatanBharat

One thought on “नौआखली के बाद संदेशखाली से हिंदुओं के लिए संदेश”

  1. Amit Ganpule March 30, 2024

    Sir, We need to change the way our religious institutions preach Sanatan Dharma.
    Most who are proponents of Gita and Shree Krishna are making them only follow the soft and often passive approach.
    They conveniently forget that Krishna never advised Arjun to put down weapons and surrender to oppressors.
    I have never seen any Bhagvat Panthi preaching to.take a hard stance towards Muslim oppression.
    I believe they are turning our population into hijaras.
    We need these so called Sants to promote hardliners Sanantan Dharma

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